बांदा। जिले में कोरोना के दो पॉजिटिव केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तेजी पकड़ ली। तमाम इलाकों में डॉक्टरों की टीमें खुद घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है। दूसरी तरफ आशाएं बाहर से आए लोगों की घर- घर जानकारी जटा रही हैं। सार्वजानिक स्थानों और सरकारी कार्यालयों को सेनिटाइज किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.संतोष कुमार ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव केस मिलने वाले मोहल्लों के साथ एक किलोमीटर के दायरे में चिकित्सको की टीमें हरेक व्यक्ति की स्क्रीनिंग कर रही है। इस काम में शहरी क्षेत्र में 10 और बबेरू क्षेत्र में चार टीमें लगाई गई हैं। लाक डाउन में बाहर से आने वाले लोगों से संक्रमण के खतरे को देखते हुए इनकी निगरानी के लिए एमटीसी (माइग्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम) की मदद ली जा रही है। सीएमओ ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर को सरकार ने यूनिसेफ के सहयोग से विकसित किया है। आशाएं अपने-अपने क्षेत्र में बाहर से आए लोगों की जानकारी जुटा रही हैं। इन्हें ब्लॉक स्तर पर सॉफ्टवेयर में पड किया जाएगा। जिसके बाद माइग्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम से जनपद के हर गांव के एक-एक प्रवासी व्यक्ति की जानकारी सॉफ्टवेयर में एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगी। ब्लॉकों के बीसीपीएम (ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर) को लखनऊ से विडियो कांफ्रेंसिंग से माध्यम से सॉफ्टवेयर से सम्बंधित ट्रेनिंग दी जा चुकी है। ये जानकारी होगी दर्जः विदेश यात्रा से लौटे और अन्य राज्यों से आए सभी प्रवासी लोगों की जानकारी एप में भरी जाएगी। उनमें प्रत्येक व्यक्ति में दिखे कोरोना वायरस के लक्षण, होम क्वारंटीन और रेफर किए गए लोगों की जानकारी भी एप में दर्ज होगी। एप में डाटा फड करने के बाद अलग-अलग तरीके से स्थितिका जायजा लेने में मदद मिलेगी।
परदेसियों की माइग्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम से हो रही निगरानी